मैथिलीशरण गुप्त लिख गए हैं. हम ये कविता क्यों पढ़ रहे हैं आपके सामने? महाराष्ट्र के कई हिस्सों में इन दिनों भारी बारिश हो रही है. और सिर्फ महाराष्ट्र ही नहीं, देश के तमाम राज्यों में बारिश हो रही है. केरल में हाल बेहाल हैं.
महाराष्ट्र के हिंगोली जिले में बारिश के कारण आस-पास की नदियां उफान पर हैं. और ये सीज़न वहां पर है सोयाबीन का. किसानों की सोयाबीन फसल कटी रखी है. ऐसे में हिंगोली जिले में कयादू नदी की बाढ़ का पानी घुसा तो सोयाबीन के ढेर के ढेर बहते नजर आने लगे.
ये वीडियो #Maharashtra के हिंगोली जिले का है। इस किसान की सोयाबीन की फसल काट कर थ्रेसिंग के लिए इकट्ठा की गई थी। #HeavyRain से तिरपाल से ढका सोयाबीन का ढेर बहने लगा। किसान ने छोटी नाव से करीब 12 KM तक उसे बचाने की कोशिश की।
बाद में लोगों ने किसान को बचाया।
वीडियो किसान साथी pic.twitter.com/B7Nwu5z3fs— Arvind Shukla (@AShukkla) October 18, 2021
इस बीच एक वीडियो सामने आया, जिसमें किसान बाढ़ के पानी में अपनी जान जोखिम में डालकर सोयाबीन की फसल को बचाने की कोशिश करता दिख रहा है. वीडियो हिंगोली के कलमनुरी इलाके का है.
इंडिया टुडे के रिपोर्टर ज्ञानेश्वर उंडाल की ख़बर के मुताबिक, जब इस किसान का सोयाबीन का ढेर बाढ़ के पानी में बहने लगा तो वो नाव के सहारे ढेर के पास जाने, उसे बचाने की कोशिश करने लगा.
लेकिन किसान जिस नाव में बैठा था, वो नाव ही आगे जाकर पलट गई. किसान अपनी फसल के साथ बाढ़ के पानी में बहने लगा. सोशल मीडिया पर कुछ पत्रकार लिख रहे हैं कि वो 12 किलोमीटर तक फसल के साथ बहता रहा. आसपास जमा लोगों ने किसी तरह किसान को बचाया.
ये वो किसान है जो अपनी सोयाबीन की फसल बचाने के लिए काफी दूर तक बाढ़ के पानी में नाव के सहारे चलते रहा
बचाने वाली भीड़ में भी किसी ने पूछ लिया कि पिए थे क्या? पूछने वाले की भावनाएं गलत नहीं होंगी। लेकिन जिस किसान ने पसीना बहाकर फसल तैयार की होगी, उसे ये जोखिम कम लगा होगा #farmer pic.twitter.com/uqR2LCrC61— Arvind Shukla (@AShukkla) October 18, 2021
विदर्भ और मराठवाड़ा में सोयाबीन की फसल को बारिश की वजह से काफी नुकसान पहुंचा है. विदर्भ के अकोला जिले के पातूर नंदपुर गांव के एक किसान का भी वीडियो सामने आया है.
फसल ख़राब होने से हताश, परेशान किसान रोते हुए कह रहा है कि पूरी फसल बर्बाद हो गई और अब वो परिवार कैसे चलाएगा. मध्य प्रदेश में भी बड़े स्तर पर सोयाबीन उत्पादन होता है. वहां भी कई हिस्सों में बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है.