छोटे बच्चों को अक्सर उनके माथे या कान के पीछे काला टीका लगाते हैं। ऐसा उनको नजर से बचाने के लिए किया जाता है। यहां जानें कैसे काला टीका बच्चों को शनि की नजर से भी बचाता है और क्या है इसे लगाने का सही तरीका –
नई दिल्ली : छोटे बच्चे को देखकर सभी का मन करता है उसको गोद में लेकर पुचकारने का। उनको देखकर सभी उनकी ओर खिंचते हैं। हालांकि ऐसे में बच्चों को नजर लगने की संभावना रहती है। यही वजह है कि हमारे यहां छोटे बच्चों को काला टीका लगाकर रखने की परंपरा है। वैसे कम ही लोग जानते हैं कि काला टीका लगाकर रखना शनि को प्रसन्न रखता है जिससे उनकी टेढ़ी नजर बच्चों पर नहीं पड़ती है। लेकिन क्या सिर्फ माथे पर काला टीका लगाना ही सही है या फिर इसकी कोई और विधि है। छोटे बच्चों को भगवान का रूप माना जाता है। मान्यता है कि वे विष्णु जी के बाल स्वरूप और लड्डू गोपाल होते हैं। ज्योतिषाचार्य सुजीत महाराज कहते हैं कि बच्चों का भोला रूप देखकर सभी उनकी जो तारीफ करते हैं, वह बोली हुई ऊर्जा कई बार अपना नकारात्मक प्रभाव दिखाना प्रारम्भ कर देती है जिससे बालक रोने लगता है। वहीं काले रंग काला रंग शोषक है। वह नकारात्मकता को दूर करता है। जब माताएं काला रंग बच्चे को लगाती हैं तो वही नकारात्मक ऊर्जा सकारात्मक ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है।
कैसे लगाएं बच्चे को काला टीका
अमावस्या के काजल को पूरे वर्ष संजो के रखिये और उसी को बच्चे के मस्तक पर और दोनों पैरों के तलवों पर भी लगाइये। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि काले टीके को अमावस्या की रात्रि में तिल के तेल का दीपक जलाके उससे बनाते हैं। दीपावली की रात्रि का बना काजल तो बहुत ही अच्छा होता है।सर्वप्रथम काले काजल के टीके को भगवान बालकृष्ण के चरणों में लगाइये और उनके सम्मुख घी का दीपक जलाकर फिर वहां से टीका लेकर सीधे पहले बच्चे के मस्तक पर लाएग ,फिर हृदय पर और फिर दोनों पैरों के तलवे पे लगाइये और ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करते रहिए।इस प्रकार आपका बालक भी स्वस्थ रहेगा। उसका विकास भी होगा और वह नजर से भी बचा रहेगा।
शनि को प्रसन्न करता है काला टीका
काला टीका लगाने से शनि प्रसन्न होते हैं ।शनि कभी भी बाल रूप को परेशान नहीं करते हैं। यहां तक कहा गया है कि भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा करने वालों से शनि हमेशा प्रसन्न रहते हैं। शनि कृपा के लिए काला धागा बच्चे पैर में भी बांधें और करधन जो कि काले ही रंग की होती है, उसे बालक के कमर में बाधें। एक बात और – चंद्रमा भी साथ में बच्चे को धारण कराइये तो शुभता में वृद्धि होगी।