अमेरिका दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात करेंगे. दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात भारतीय समयानुसार रात करीब 8.30 बजे व्हाइट हाउस में होगी.
कई देशों की नजर इस मुलाकात पर है, लेकिन इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत के ट्वीट ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा है. उन्होंने जो बाइडेन से अपील की है कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भारत में जारी किसान आंदोलन पर चर्चा करें.
Dear @POTUS, we the Indian Farmers are protesting against 3 farm laws brought by PM Modi’s govt. 700 farmers have died in the last 11 months protesting. These black laws should be repealed to save us. Please focus on our concern while meeting PM Modi. #Biden_SpeakUp4Farmers
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) September 24, 2021
राकेश टिकैत ने ट्वीट किया- हम भारतीय किसान मोदी सरकार की ओर से लाए गए 3 कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. पिछले 11 महीनों में विरोध प्रदर्शन में 700 किसानों की मौ’त हो चुकी है. हमें बचाने के लिए इन का’ले कानूनों को निरस्त किया जाना चाहिए. कृपया पीएम मोदी से मिलते समय हमारी चिंता पर ध्यान दें.
राष्ट्रपति बनने के बाद बाइडेन पहली बार व्हाइट हाउस में पीएम मोदी की मेजबानी करने वाले हैं. पीएम मोदी और बाइडेन के बीच पिछले 8 महीने के अंदर दो बार वर्चुअल मीटिंग हो चुकी है, लेकिन आज पहली बार बाइडेन और पीएम मोदी के बीच आमने-सामने की मुलाकात होगी.
इन मुद्दों पर हो सकती है बातचीत
प्रधानमंत्री के अमेरिका दौरे पर जाने से पहले विदेश सचिव हर्षवर्धन सिंगला ने बताया था कि व्हाइट हाउस में होने वाली पीएम मोदी-बाइडेन की पहली मुलाकात के दौरान रक्षा, आपसी रिश्ते, भारतीयों के वीजा मुद्दे और ट्रेड पर चर्चा हो सकती है.
इस दौरान आ’तंकवा’द के साथ अफगानिस्तान के मुद्दे पर भी बात हो सकती है. बैठक में भारत अफगानिस्तान को लेकर अपनी चिंताओं से भी बाइडेन प्रशासन को अवगत कराएगा.
एक साल से जारी है किसानों का प्रदर्शन
अगर किसानों के प्रदर्शन की बात करें तो भारत सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. राकेश टिकैत की अगुवाई में दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन हो रहा है, जबकि दिल्ली-सिंघु बॉर्डर, दिल्ली-टिकरी बॉर्डर पर भी किसानों का जमावड़ा है. पिछले एक साल से किसानों का हल्ला बोल जारी है.
किसानों की मांग है कि तीनों कानूनों को वापस लिया जाए और एमएसपी की गारंटी दी जाए. किसान संगठनों और सरकार के बीच कई दौर की चर्चा हो चुकी है, लेकिन कोई सहमति नहीं बन पाई है. हालांकि, अब लंबे वक्त से दोनों पक्षों के बीच बातचीत भी बंद हो चुकी है. सरकार ने तीनों कानून को वापस लेने से इनकार किया है.